आज का दिन उतार-चढ़ाव का है, ढलने-उगने का दिन है। जी हां मैं 2013 के
प्रस्थान और 2014 के आगमन की बात कर रहा हूं। अक्सर देखा जाता है कि नए
साल के आगमन पर लोग तरह-तरह के संकल्पों की बात करते हैं। पुरानी बातों को
भूलकर नए आगाज की तैयारी में लग जाते हैं। बिल्कुल होना भी यही चाहिए हम
नए साल में हम कुछ नया करने का संकल्प लें।
मेरा मानना है कि आज देश जिस
हालात से गुजर रहा है, ऐसे में हमें अपने से ज्यादा देश की चिंता करनी
चाहिए। तो हम नए 2014 के साल के आगमन पर देश को भ्रष्टाचार,
महंगाई से मुक्त कराने का संकल्प लें। विधायिका को लूटखसोट, जात-पात व
अवसरवादिता की राजनीति से मुक्त कराने का संकल्प लें। कार्यपालिका,
न्यायपालिका को भ्रष्टमुक्त बनाने का संकल्प लें। मीडिया को
देश और समाज के लिए काम करने के लिए प्रेरित करने का संकल्प लें। लोगों के
मर चुके जमीर को जगाने का संकल्प लें। देश को भुखमरी, गरीबी से मुक्त
कराने का संकल्प लें। बच्चों को देशभक्त, संस्कारवान व मानसिक रूप से
स्वस्थ बनाने का संकल्प लें। ग्राम पंचायत के साथ ही विधानसभा और लोकसभा
में ईमानदार और सच्चे जनप्रतिनिधि भेजने का संकल्प लें। देश की व्यवस्था
बदलने का संकल्प लें।
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