Sunday 9 March 2014

आप के लिए खतरे की घंटी है कार्यकर्ताओं की बगावत

 अन्ना आंदोलन के बाद अरविन्द केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी बनाई और जिस तरह से भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई लड़ने की बात कहकर विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित जीत हासिल की, उससे लोगों में उम्मीद की एक किरण जगी थी। पर कुछ दिनों से जिस तरह से आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल पर तानाशाही और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का आरोप लग रहा है वह कहीं न कहीं आप की कार्यशैली को संदेह के घेरे में खड़ी कर रही है। टिकट बंटवारे को लेकर संस्थापक सदस्यों की सीधी बगावत आप के लिए खतरे की घंटी है।
कार्यकर्ताओं का आरोप है कि चार-पांच लोगों ने पार्टी को कब्ज़ा रखा है। न कोई कार्यकर्ताओं की बैठक हो रही है और न ही कार्यकर्ताओं से कोई राय मशवरा लिया जा रहा है। ऐसा भी नहीं है कि कार्यकर्ताओं में बगावत दिल्ली में ही हो रही हो, जगह -जगह ये बगावत देखने को मिल रही है। वैसे भी पार्टी में कोई व्यवस्था नाम की कोई चीज है ही नहीं और न ही कोई संगठन है तो स्वभाविक है कि अराजकता का माहौल पैदा होगा ही। अरविन्द केजरीवाल को यह समझना चाहिए कि आप को लोगों ने समर्थन इसलिए दिया क्योंकि आप ने भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ मोर्चो खोला था। 
     सब दलों को गलत साबित करने की अरविन्द केजरीवाल भाषा शैली लोगों को प्रभावित कर रही थी। पर कुछ दिनों से आप के नेताओं के अचानक आये बदलाव ऐसा लगने लगा है कि आप भी इसी व्यवस्था में ढलती जा रही है। मेरा केजरीवाल जी से सवाल है कि जयपुर से दिल्ली चार्टेड विमान से आने की जरूरत थी। क्या सेमिनार में आपका आना आप की नीतियों से ज्यादा जरूरी था। क्या आप आम आदमी की लड़ाई का हवाला देते हुए बस या ट्रेन से आने की बात नहीं कह सकते थे। या फिर ऐसी कौन सी सेमिनार थी जो अचानक आपको सूचना दी गई। जिस मीडिया को आप गलयाते नहीं थकते हो आखिर उसी मीडिया का एक समूह अचानक आप पर इतना कैसे मेहरबान हो गया। या फिर आप को भी ऐशोआराम भाने लगा है ? या फिर आप भी अन्य दलों की तरह लोगों को बेवकूफ बना रहे हो ?
      केजरीवाल जी जनता की भावनाओं से खिलवाड़ करने वालों क्या हाल होता है, यह आपको बताने की जरूरत नहीं है। आप लोगों की समझ में बहुत समझदार हो। आपको इतिहास की अच्छी जानकारी है। कार्यकर्ताओं और जनता की उपेक्षा करने वाले दल कब खत्म हो जाते हैं पता ही नहीं चलता। कहीं ऐसा न हो कि जिस तरह से आप का उत्थान हुआ है उसी तरह से आप का पतन भी हो जाए।

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