किसी भी देश का भविष्य उसके युवाओं पर टिका होता है।
इसमें दो राय नहीं कि सरकारी स्तर से युवाओं को आगे बढ़ाने के प्रयास बड़े
स्तर से हो रहे हैं पर भ्रष्ट हो चुकी देश की व्यवस्था के चलते इसका फायदा युवाओं को नहीं हो पा रहा है। यही वजह है कि जहां
युवाओं का सरकारों से विस्वास खत्म होता जा रहा है वहीं वे अपने पथ से भटक
रहे हैं। देशभक्ति, संस्कारों, नैतिक शिक्षा के अभाव में बड़े स्तर पर
युवाओं का नैतिक पतन हो रहा रहा है। इन सबके चलते बड़ी ताताद में युवा अपराध
की कदम बड़ा रहे हैं। अब तक तो छेड़छाड़, रेप, लूटपाट, ठगी, धोखाधड़ी के मामले
ही सुनने को मिल रहे थे। हैदराबाद के 15 युवाओं के ईराक में जाकर आईएस
में शामिल होने के लिए घर से भागने की घटना ने सोचने के लिए मजबूर कर
दिया है। हालांकि ये लोग पश्चमी बंगाल से पकड़ लिए गए हैं। ऐसे में प्रश्न
उठता है कि देश के होनहार युवा इतने घातक कदम क्यों उठा रहे हैं।
इसमें
दो राय नहीं कि देश सत्ता बदल चुकी है पर व्यवस्था नहीं बदली है। आज भी
मुट्ठी भर लोगों ने देश की व्यवस्था ऐसे कब्ज़ा रखी है कि आम आदमी सिर
पटक-पटक कर रह जाता है पर उसकी कहीं सुनवाई नहीं होती है। इसी व्यवस्था के
चलते बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, महंगाई चरम पर है। चारों ओर अपराधियों का राज
है। जनता बेहाल है और देश को चलाने का ठेका लिए बैठे राजनेता वोटबैंक की
राजनीति करने में व्यस्त हैं। अवसरवाद की राजनीति करने में व्यस्त हैं।
परिवारवाद की राजनीति करने में व्यस्त हैं। लूटपाट की राजनीति करने में
व्यस्त हैं।Thursday, 11 September 2014
देशभक्ति पैदा करने और जमीर जगाने की जरूरत
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