आप में आजकल जिस तरह से बगावत के सुर उभरे हैं, उससे यह साबित होता है कि आप में कुछ स्वार्थी नेता शामिल कर लिए गए थे। इसमें दो राय नहीं कि
आप के जबर्दस्त उदय से कांग्रेस व भाजपा के अलावा लगभग सभी दलों में बेचैनी
है पर आप नेताओं को भी कार्यकर्ताओं के प्रति होने वाले व्यवहार के बारे
में आत्ममंथन की जरूरत है। कुछ दिनों से देखा जा रहा है कि काफी संख्या में
लोग रिटायर्डमेंट लेकर आप में शामिल हो रहे हैं। आप को यह भी देखना
होगा कि पार्टी से युवा किस स्तर पर जुड़ रहे हैं। संगठन का क्या हाल है,
प्रदेश और जिला स्तर पर कार्यकर्ता किस स्तर पर अच्छे छवि के लोग पार्टी से
जोड़ रहे हैं या कहीं गलत छवि के लोग तो संगठन में घुस नहीं जा रहे हैं। आप
नेताओं ने कितने अच्छे लोगों से संपर्क साधा है या विभिन्न दलों के अच्छी
छवि के कितने नेताओं को पार्टी में शामिल होने का अनुरोध किया है।
मेरा
मानना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ छेड़े गए अन्ना आंदोलन के बाद व्यवस्था
परिवर्तन के लिए आम आदमी पार्टी नामक संगठन बनाकर अरविन्द केजीवाल ने अपनी
टीम के साथ जो आंदोलन छेड़ा है उससे देश में आप के पक्ष में अच्छा माहौल बन
रहा है। पर आप को यह भी देखना होगा कि आप की लड़ाई उन नेताओं से है जो सत्ता
के लिए कुछ भी करने को आतुर हैं। उन नेताओं से है जिनकी उम्र राजनीति करने
में निकल गई।
मैंने अब तक जो महसूस किया है उससे इस निस्कर्ष पर पहुंचा
हूं कि अब तक जो लोग आप से जुड़े हैं, उनमें से अधिकतर खुद आप नेताओं से
मिले हैं। यह किसी भी संगठन के लिए अच्छी बात है पर आप को अब राजनीति के
माध्यम से व्यवस्था परिवर्तन करना है तो स्वाभाविक है कि संगठन भी मजबूत
करना होगा। आज के हालात में आप के पांच-छह नेताओं के कंधों पर पार्टी का
बोझ दिखाई दे रहा है, इस भार को अन्य कार्यकर्ताओं में बांटने की जरूरत है। प्रदेश
और जिला पर भी संगठन पर ध्यान देने की जरूरत है।
आप में अरविन्द
केजरीवाल, योगेंद्र यादव, संजय सिंह, कुमार विस्वास, मनीष सिसोदिया, गोपाल
राय और हाल में नोकरी छोड़कर पार्टी में आये आशुतोष के आलावा संगठन में
अन्य चेहरे निकल कर नहीं आ पा रहे हैं। दिग्गजों से टक्कर लेने के लिए आप
को अन्य दलों के ऐसे नेताओं को भी पार्टी में लाना चाहिए जो संघर्ष करने के
बावजूद बैकफुट पर हैं, पार्टी में घुटन महसूस कर रहे हैं। आप को यह भी
समझना होगा जो नेता स्वाभिमानी और ईमानदार हैं ये खुद चलकर आप नेताओं के
पास नहीं जाएंगे, आप नेताओं को ही ऐसे नेताओं को चिन्हित कर उनसे देश समाज
के लिए आप से जुड़ने के लिए अनुरोध करना होगा।
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